शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

वाह महंगाई

वाह महंगाई

इस बदती महंगाई
से
बहुत जल्द
आम आदमी
आम के भाव में
गुठली
खाना सीख जायेगा

गुरुवार, 22 सितंबर 2011

टोबा टेकसिंग

मंटो का बिशन
टोबा टेकसिंग  वाला बिशन
ऐसा लगता है
कि
मैं ही वो बिशन था

मेरे दिल ने तब भी
विभाजन
स्वीकार नहीं किया था

मेरा दिल अब भी
विभाजन को नहीं मानता
फर्क
सिर्फ इतना है
तब मैं कहता रहता था
ओ पड़दी गिद गिड दी
मुंग दी दाल दी ऑफ़ लालटेन
तब लोग
उसे बडबडाना कहते थे
लोग कहते थें
मुरख  है 

और अब
मैं बोलते बोलते चुप हो जाता हूँ
बोल नहीं पाता
लोग कह नहीं पाते हैं
समझते हैं कि मूर्ख  है

तब का बडबडाना जो कुछ भी था
अब कि चुप्पी  कुछ भी है
विभाजन तब भी गलत था
विभाजन अब भी गलत है