कविता
गुरुवार, 1 जनवरी 2009
नव वर्ष
नव वर्ष आया
नयी आशाएं साथ लाया
बीता जो बिसार दें
नए को निखार दें
जो गया समय वापिस नहीं आएगा
जो आएगा वही आगे ले जाएगा
विगत को भूलकर
आगत में रमकर
आगे सभी ने जाना है
नयी मंजिलों को पाना है
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