कविता
मंगलवार, 15 जुलाई 2008
ईश्वर
ईश्वर की महिमा अपरम्पार है
सबकी सांसों पर उसका पूरा अधिकार है
हम सब महज कठपुतलियां और
वो इन सभी कठपुतलियों को नाचने वाला महान कलाकार है
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