कविता
मंगलवार, 23 मार्च 2010
फूल और कांटे
फूलों को सभी चाहते हैं
काँटों को कौन चाहता है ?
सुखों को सभी चाहते हैं
दुखों को कौन चाहता है ?
अच्छों को सभी चाहते हैं
बुरों को कौन चाहता है ?
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