वह रोज़ सवेरे
सड़क पर आ जाती है
अपनी दूध पीती बच्ची
को
जुगाड़ के झूले में
लिटाकर
कचरा बीनने में लग जाती है
कागज़ का टुकड़ा
प्लास्टिक की बोतल
आपके, हमारे फेंके हुए
सरे बेकार सामान
उसके बड़े काम के होते हैं
आप - हम
पेट भरकर
जो रोटियां और रोटियों के टुकड़े
फेंक देते हैं
वही उसका पेट भरते हैं
वही बीन हुआ कचरा
वही बचा -खुचा खाना
उसका सारा परिवार चलाते हैं
शनिवार, 15 अक्तूबर 2011
शनिवार, 8 अक्तूबर 2011
समय परिवर्तन
पहले
लोगों के घरों पे
आदमी खड़े होते थे
कि
कहीं कोई कुत्ता न आ जाये
अब
लोगों के घरों पे
कुत्ते खड़े रहते हैं
कि
कहीं कोई आदमी न आ जाये
शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011
बत्तीस
इंदिरा अम्मा
ने
नारा दिया था
' गरीबी हटाओ'
अब इन्होने
गरीबों का नाम ही
आमिर कर दिया
"बत्तीस" के फार्मूले से
सबकी बत्तीसी खिल गयी
अब जो रोज़
रुपये बत्तीस कमाएगा
गरीब
नहीं
अमीर
कहलायेगा
ने
नारा दिया था
' गरीबी हटाओ'
अब इन्होने
गरीबों का नाम ही
आमिर कर दिया
"बत्तीस" के फार्मूले से
सबकी बत्तीसी खिल गयी
अब जो रोज़
रुपये बत्तीस कमाएगा
गरीब
नहीं
अमीर
कहलायेगा
मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011
शनिवार, 1 अक्तूबर 2011
महंगाई मार गयी
महंगाई मार गयी
बिजली को महंगा किया
फिर
पेट्रोल के भाव बदा दिए
अब
ब्याज दर बढाके
लोन महंगे कर दिए
अब सुनते हैं
कि
घरेलू गैस कि बारी है
तब
आम आदमी क्या खाक जियेगा
जीते जी मर ही जायेगा
बिजली को महंगा किया
फिर
पेट्रोल के भाव बदा दिए
अब
ब्याज दर बढाके
लोन महंगे कर दिए
अब सुनते हैं
कि
घरेलू गैस कि बारी है
तब
आम आदमी क्या खाक जियेगा
जीते जी मर ही जायेगा
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