शनिवार, 29 दिसंबर 2012

दामिनी




दामिनी मर गयी
शायद
कहा जा सकता है
लिखा जा सकता है
और
पढ़ा जा सकता है

पर
प्रशन है
क्या दामिनी मर सकती है ?

दामिनी जो भी थी
जो भी उसका सही नाम था
दामिनी सबको याद रहेगी
दामिनी सबको याद कराती रहेगी
आम जन
चुप होकर बैठ मत जाना

जो आज दामिनी के साथ हुआ है
फिर
कभी भी कहीं भी किसी के भी साथ हो सकता है
सत्ता वालों अब तो जाग जाओ
नारियों पर हो रहे अत्याचार
को
मूक दर्शक की तरह मत देखो
कुछ ठोस करो

गाँधी जी के तीन बन्दर
नयी सीख दे रहें हैं
बुरा होते देखो मत
बुरा हो तो चुप रहो मत
बुरा हो तो बुराई का विरोध सुनो
बुरा हो तो बुरा करने वालों
का
ऐसा बुरा करो
कि
आगे कोई भी ऐसा बुरा कर ही नहीं पाए

दामिनी जिंदा है
दामिनी मरती नहीं है
दामिनी मर सकती नहीं है

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