रामसिंह द्वारा दामिनी का बलात्कार
महज
एक लड़की का बलात्कार नहीं है
एक प्रश्न है
सारे समाज के सामने
जवाबदेही है
हम सबकी
कब तक ऐसे दरिन्दे
मासूम पर अत्याचार करते रहेंगे
कब तक हम सब मूक दर्शक बने रहेंगे
समाज कब तक ऐसी घटनानों को
नपुसंक की तरह देखता रहेगा
सरकारें कब तक
कुछ कठोर कार्यवाही के नाम पर
कुछ नहीं करेंगी
कब तक आप जांच करवाते रहेंगे
कब तक अदालतों में
पीडिता का
बार बार बलात्कार होता रहेगा
और कब तक
अदालती कार्यवाही देखें सुनने वाले
चटखारे ले लेकर पीडिता के बयां सुनते रहेंगे
कब तक
आरोपी जमानत पर रिहा होते रहेंगे
कब तक
पीडिता
और पीडिता का परिवार
अपने पर हुआ अत्याचार भुगतता रहेगा
उत्तर एक ही है
ये सब यूँ ही होता रहेगा
ये सब यूँ ही चलता रहेगा
जब तक
सरकारें ऐसे ही नाकारा रहेंगी
जब तक हम इंसान
इंसान बनकर
इन दरिंदो को कड़ी सजा नहीं देंगे
यदि हम ऐसे ही नपुंसक बने रहेंगे
तो
जो आज हुआ है
कल फिर होगा
और ऐसे ही होता र्रहेगा
और फिर
एक नया दरिंदा होगा
एक नयी पीडिता होगी
एक नयी पीडिता का परिवार होगा
सब यूँ ही चलता रहेगा
यह यक्ष प्रश्न
हमारे
सामने मुह बाये खड़ा है
यदि इसका आज जवाब नहीं दिया गया
तो
आने वालीं पीदियाँ
हमें माफ़ तो नहीं करेंगी
बल्कि
पीड़ी दर पीड़ी कोसती रहेंगी
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