इंतजार
कुछ लौट पाए
कुछ रह गए
जो रह गए वहीँ
जिंदा या मुर्दा
कुछ पता नहीं किसी का
तीरथ जो हैं मरघट बने पड़े हैं
तीर्थयात्री मुर्दों के ऊपर मुर्दो से अटे पड़े हैं
किसी ने भाई ,बेटा ,पति,पोता खोया
किसी ने बहन,बेटी पत्नी ,पोती को है खोया
जिसने जो खोया वो बस है रोया
कब खबर आएगी
अच्छी खबर आएगी या फिर बुरी
कुछ खबर नहीं
जब आएगी तब आएगी
तब तक सिर्फ तकना है
कि
कभी तो कोई आएगा
अपनों की
कुछ तो खबर लायेगा
इंतजार है
इंतजार रहेगा
कहीं दिनों का
कहीं महीनों का
और
कहीं कहीं तो शायद
पूरा जीवन
इंतजार