रविवार, 30 जून 2013

प्रकृति का बदला 


प्रकृति 
इंसान 
को 
सब कुछ देती है 
पर 
इंसान 
अपने लालच में 
प्रकृति 
को भी नहीं छोड़ता  है
इंसान 
ने 
जब जब 
प्रकृति 
को 
छेड़ा है 
प्रकृति 
ने भी 
इंसान 
को कहाँ छोड़ा है 
प्रकृति पहले चेताती है 
पर 
इंसान नहीं मानता है 
तो 
अपना बदला लेना भी जानती है 
और 
जब बदला लेती है 
तो 
किसी 
एक  
इंसान 
की गलती 
की 
सजा 
कोई  
दूसरा 
इंसान
क्यों 
पाता 
है  
समझ में नहीं आता है  

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