कविता
गुरुवार, 4 जुलाई 2013
आदमी समय
आदमी समय
आदमी
जब
आदमी
होता है
तब उसके पास
समय
कहाँ हो पाता है
आदमी
के पास
जब
समय
ही
समय
हो जाता है
तब
आदमी
आदमी
कहाँ रह पाता है
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