मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

कौन जाने

क्या आप जानते हैं 
एक दिन आप नहीं रहेंगे 
तो कौन जाने 
कितने  लोग आपके लिए रोयेंगे ?
और
कितना रोयेंगे ?

ये तो इस पर निर्भर है 
कि
आप कितना लोगों का भला करेंगे  
और 
कितनों  के लिए करेंगे 

सही तो कहा है
जैसा आप बोयेंगे 
वैसा ही 
फल आप पाएंगे 
  



सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

" रिमोट"

आपके अमूल्य जीवन का 
" रिमोट" 
किसी  और के हाथ में क्यों होता है ?

वो 
जब चाहे आपका चैनल बदल देता है 
जब चाहे आपका "वोल्युम" घटा देता है 
और 
जब चाहे आपका " वोल्युम" बड़ा देता है
और तो और 
जब वो चाहे आपको " म्युट" भी कर देता है 

यदि आप अपना जीवन वास्तव में जीना चाहते है तो 
अपने 
" रिमोट" किसी के हाथ में न दे 
और यदि दे दिया हो तो 
जल्द से जल्द  तोड़ दे  
  

शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

प्रेम दीवाना

प्रेम जब कहीं  भी 
किसी को भी 
किसी से भी हो जाता है 
दिल बेचारा कुछ नहीं कर पाता है 
बस खो जाता है 

दिल तो खो जाता है 
और फिर 
इंसान इंसान नहीं रह जाता 
बस दीवाना हो जाता है 


शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

ख़ुशी गम

नीली छतरी वाले की
अजब माया है 
कहीं दीखता नहीं है 
पर
सभी ओर छाया है 

कहीं खुशियाँ इतनी 
कि
समंदर भी छोटा पड़ जाये 
और
कहीं ग़मों का है अम्बार 
ऐसा कि 
इंसान ग़मों के बोझ के नीचे दबा जाता है  




बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

खाली नाव

खाली नाव

कभी कभी जीवन 
खाली नाव सा क्यों प्रतीत होता है ?
खाली बंधी हुई नाव 
डोल रही लहरों पर 
ऐसे
जैसे बुदापे का खालीपन 
न शिकायत किसी से कर पाए
न कभी बगावत कर पाए 
नाव ऐसी जो लहरों पर है 
पर चल नहीं पाए 
चप्पू तो है पर कोई खेनेवाला नहीं है 



गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

प्रकृति

प्रकृति

शीशे चड़ाए
हवादार गाड़ियों में जो घूमते हैं
उनसे ज़रा पूछिए
क्या कभी प्रकृति का आनंद लिए हैं ?

क्या कभी हरे भरे पेड़ों को देखा है ?
हरे भरे पेड़ो कि पत्तियां  सरसराती सुनी हैं ?

हरे बारे पेड़ों पे बैठी चिड़ियाएँ
चहचहाती  सुनी है ?


प्रार्थना



प्रार्थना 
प्रार्थना जब भी  करें 
जिससे भी करें 
जैसे भी करें 
शब्दों की ज़रूरत नहीं 
मन से हो जाती है 
मन से ही की जाती है