कविता
मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011
कौन जाने
क्या आप जानते हैं
एक दिन आप नहीं रहेंगे
तो कौन जाने
कितने लोग आपके लिए रोयेंगे ?
और
कितना रोयेंगे ?
ये तो इस पर निर्भर है
कि
आप कितना लोगों का भला करेंगे
और
कितनों के लिए करेंगे
सही तो कहा है
जैसा आप बोयेंगे
वैसा ही
फल आप पाएंगे
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