खाली नाव
कभी कभी जीवन
खाली नाव सा क्यों प्रतीत होता है ?
खाली बंधी हुई नाव
डोल रही लहरों पर
ऐसे
जैसे बुदापे का खालीपन
न शिकायत किसी से कर पाए
न कभी बगावत कर पाए
नाव ऐसी जो लहरों पर है
पर चल नहीं पाए
चप्पू तो है पर कोई खेनेवाला नहीं है
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