शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

बचपन

क्यों हर इन्सान
बचे से
बड़ा होने को आतुर रहता है

क्यों जल्दी बचपन छोड़कर
बड़ा होना चाहता है
जबकि जनता है
कि
बड़े होकर जिमेदारियां ओदनी पड़ेंगी
और
जब बड़ा हो जाता है
तो
बस कहता ही रहता है
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
या फिर
गिव मी सम सन शाइन
गिव में सम रेन
गिव मी अनादर चांस
आई वांट तो ग्रो अप वंस अगेन

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